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अजिंक्यतारा - Ajinkyatara

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Category: Information Section
Forum Name: Forts of Sahyadri in Hindi
Forum Description: In this section one can find information of forts of Sahyadri in Hindi.
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Topic: अजिंक्यतारा - Ajinkyatara
Posted By: bajpaidivya
Subject: अजिंक्यतारा - Ajinkyatara
Date Posted: 15 Aug 2012 at 12:07am
अजिंक्यतारा

प्रकार: पहाड़ीकिला
पर्वत श्रंखला : सतारा 
जिला: सतारा
श्रेणी : आसान
 
अजिंक्यतारा यह किला  सतारा के किले के रूप में भी जाना जाता है. यह सतारा शहर में कहीं से भी देखा जा सकता है . अजिंक्यतारा पर्वत "बामनोली" पर्वत श्रृंखला पर बसा है जो  कि प्रतापगढ़ से शुरू होती है. इन सभी किलों की भौगोलिक महत्व यह है कि, यहाँ पर एक किले से दूसरे किले तक सीधे यात्रा कर पहुँचाना असंभव है. इस क्षेत्र में स्तिथ बाकी सभी किले अजिंक्यतारा के अपेक्षाकृत कम ऊंचाई पर हैं.


इतिहास:
अजिंक्यतारा मराठों की चौथी राजधानी था ,जिनमे पहला राजगढ़, फिर रायगढ़ और उसके बाद जिंजी  का किला था . शिलाहार  राजा भोज - द्वितीय ने  वर्ष ११९०  में इसका निर्माण करवाया था. इस किले पर पहले बहमानियों के द्वारा और  फिर बीजापुर के आदिलशाह के द्वारा कब्जा हुआ. वर्ष १५८० में, आदिलशाह - १  की पत्नी  चाँदबीबी को यहाँ कैद किया गया था. बजाजी निंबालकर को भी इसी जगह पर रखा गया था. स्वराज्य के विस्तार के दौरान शिवाजी महाराज ने २७ जुलाई १६७३ से इस किले पर शासन किया .  स्वास्थ्य बिगड़ने पर शिवाजी     महाराज यहाँ दो महीने रहे भी थे. परन्तु  शिवाजी महाराज की दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु के बाद, औरंगजेब ने १६८२  में महाराष्ट्र पर आक्रमण किया. १६९९  में उन्होंने किले को घेर लिया. प्रयागजी     प्रभु उस समय किले के प्रमुख थे. १३ अप्रैल १७००  में, मोगलो ने खाइयों के खोदा और विस्फोटकों का इस्तेमाल कर मंगलाई नाम के गढ़ को नष्ट कर दिया. ve प्राचीर को नष्ट करने  तथा     कुछ मराठों को मार गिराने में सफल हुए. सौभाग्य से प्रयागजी प्रभु मामूली चोटों के साथ बच निकले. उसी पल में एक और विस्फोट हुआ और टूटी हुई प्राचीर मोगलो पर गिर गई . युद्ध आगे     बढ़ा और सुभंजी ने  २१ अप्रैल १७०० को किला हाथों में ले लिया .फिर मोगलो को किले को हासिल करने में साढ़े चार महीने लग गए.किले पर कब्ज़ा करने पर उन्होंने किले को 'आज़मतारा' नाम दिया. 

तारा - रानी सेना फिर से इस किले जीता और फिर से  'अजिंक्यतारा' नाम रख दिया. मोगलो ने फिर किले पर कब्ज़ा किया. १७०८  में छत्रपति शाहू महाराज ने द्रऋह द्वारा किले को वापस     ले लिया और खुद को किले का शासक घोषित कर दिया .१७१९  में, छत्रपति शाहू महाराज की माता 'मातोश्री येसूबाई ',को  यहाँ पर लाया गया था. बाद में यह किला पेशवाओं को विरासत में मिला.शाहू - द्वितीय की मौत के बाद, ब्रिटिश सेना ने ११  फ़रवरी १८१८ को इस किले पर कब्जा कर लिया . 

दर्शनीय स्थल :
 सतारा की तरफ से जाने पर किले के दो प्रवेश द्वार हैं. एक प्रवेश द्वार अच्छी अवस्था में है. दोनों गढ़ अभी भी मौजूद हैं .प्रवेश द्वार के दाईं ओर एक हनुमान मंदिर है. यह रहने के लिए     सबसे उपयुक्त जगह है. किले पर जल उपलब्ध नहीं है. बाईं ओर की ओर रास्ते पर जाते समय  महादेव मंदिर नजर आता है. इस के सामने प्रसारभारती का कार्यालय तथा दो मीनार स्तिथ     है है. आगे जाने के बाद, बाईं ओर "मंगलादेवी मंदिर की ओर' ऐसा लिखा हुआ फलक नजर आता है . 

यहाँ हमे  'तारा रानी' का महल तथा एक बड़ा गोदाम दिखाई देता है. इस सड़क के अंत में मंगलादेवी  का मंदिर है. इसके ही सामने मंगलादेवी गढ़ है. मंदिर के आसपास के परिसर में कई  प्रतिमाये नजर आती हैं . उत्तर में दो प्रवेश द्वार हैं. प्रवेश द्वार के लिए जाने का रास्ता  सतारा कराड सड़क से होता हुआ आता है. प्रवेश द्वार के पास तीन झीलों हैं. किला देखने के बाद हम उसी दिशा से नीचे आ सकते है . किले से हम यावतेश्वर के पठार, चंदन - वंदन, कल्याणगड़, जरंदा  और सज्जनगड किलों को  देख सकते हैं. किले को देखने के लिए लगभग डेढ़ घंटे का समय लग सकता है . 

किले तक पहुँचने के तरीके :
किला शहर में स्थित होने के कारन किले तक पहुँचने के लिए कई तरीके हैं. सतारा स्टेशन  से बस के माध्यम अदालत वाडा से गुजरने वाली बस लेने पर अदालत वडा उतर सकते है  . सतारा से राजवाडा तक बस सेवा भी उपलब्ध है. हर १० मिनट में  एक बस सतारा से राजवाडा  के लिए जाती है. अदालत वाडा और राजवाडा  के बीच १० मिनट की दूरी है . अदालत वाडा से, एक उचित तरीके से हमें मुख्य प्रवेश द्वार की ओर जा सकते है. यहाँ पर टार की अच्छी सड़क भी बनी हुई है. सभी तरीकों से किले तक पहुँचने के लिए लगभग एक घंटे का समय लगता है.

आवास सुविधा:
हनुमान मंदिर में १० से १५ लोगों के लिए रहने की व्यवस्था की जा सकती है 

खाद्य सुविधा:
यहाँ पर आपको खुद के लिए भोजन की व्यवस्था करनी पड़ती है.

पीने के पानी की सुविधा :
गर्मी और सर्दियों के दौरान उपलब्ध नहीं है.

किले तक पहुँचने का समय :
लगभग एक घंटे का समय (सतारा से)
 
 
 

 



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