अंबोलगड़
प्रकार: तटीय किला पर्वत श्रंखला : कोई नहींजिला: रत्नागिरी श्रेणी : आसानकिले की ऊंचाई : समुद्र तल से ८२ फुट अंबोलगड़ तथा यशवंत गड़ ये दोनों किले रत्नागिरी जिले के राजापुर तालुका में स्थित है. अंबोलगड़ को ख़ास तौर पर मुसकाजी के प्राचीन बंदरगाह और आसपास के समुद्री गतिविधियों पे निगाह रखने के लिए बनाया गया था. कर्नल इमलौक ने १८१८ में ब्रिटिश राज्य के लिए इस किले पर कब्जा कर लिया. अंबोलगड़ का आवासीय भाग १८६२ से पूरी तरह से बाहर स्थानांतरित कर दिया गया था.दर्शनीय स्थल :अंबोलगड़ मुख्य समुद्र के स्तर से ऊंचाई पर स्थित है. किले का फैलाव क्षेत्र लगभग १२०० वर्ग मीटर है. दक्षिण दिशा में समुद्र किले की रखवाली करता है तथा उत्तरी और पश्चिमी तरफ गहरे खंदक है. किले की वर्तमान हालत बहुत खराब है. दुर्ग और समुद्र की ओर पर दीवारों का एक छोटा सा हिस्सा अभी भी दिखाई देता हैं. इसके आलावा यहाँ पर एक चौकोनी कुआ तथा किले में विभिन्न निर्माण के न्याधार एवम अवशेष बाकी है. किले के पास ही गगनगिरी महाराज का मठ स्थित है.
किले तक पहुँचने के तरीके :इस किले तक पहुँचने के मार्ग रत्नागिरी से अदिवारे -अदिवारे से नाटे - तथा नाटे से होकर आंबोलगड़ जाता है. एक दूसरा मार्ग राजापुर से होकर नाटे तथा नाटे से होकर आंबोलगड़ जाता है. आवास सुविधा:
किले पर आवास की कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है . हालांकि, आप पास ही में स्थित गगनगिरी महाराज के आश्रम में रह सकते हैं.
खाद्य सुविधा:
किले पर खाद्य सुविधा उपलब्ध नहीं है
पीने के पानी की सुविधा :
पीने के पानी के लिए गगनगिरी महाराज के आश्रम में उपलब्ध है
टिपण्णी :अगर आप गणपतिपुले में रहे तो जयगड़, यशवंतगड़ तथा आंबोलगड़ ये सभी किले एक दिन में किये जा सकते है.
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